क्रोनिक सिरदर्द क्या होता है?
क्रोनिक सिरदर्द एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को बार-बार और लंबे समय तक सिरदर्द होता है। यह सिरदर्द सामान्यतः 15 दिनों से अधिक समय तक बना रहता है और कई बार महीनों या सालों तक भी खिंच सकता है।
क्रोनिक सिरदर्द के मुख्य कारणों में तनाव, अनिद्रा, गलत जीवनशैली, और मानसिक तनाव शामिल हो सकते हैं। क्रोनिक सिरदर्द के लक्षणों में लगातार सिर में दर्द, थकान, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, चिड़चिड़ापन, और नींद में बाधा शामिल हैं।
यह दर्द हल्का से लेकर गंभीर तक हो सकता है और कई बार यह इतना तेज होता है कि रोज़मर्रा के कामों में भी बाधा डालता है। इस समस्या के इलाज के लिए पहले इसके कारणों को समझना जरूरी होता है।
क्रोनिक सिरदर्द किस बीमारी का कारण बनता है?
क्रोनिक सिरदर्द एक गंभीर समस्या हो सकती है और इसके कारण कई बीमारियों का विकास हो सकता है। लगातार सिरदर्द से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- क्रोनिक सिरदर्द से पीड़ित लोगों में डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। लगातार दर्द से व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है
- एंग्जायटी (चिंता): लगातार सिरदर्द चिंता को बढ़ा सकता है। व्यक्ति हर समय दर्द के बारे में सोचता रहता है, जिससे चिंता और तनाव में वृद्धि होती है।
- स्लीप डिसऑर्डर्स (नींद संबंधित विकार): क्रोनिक सिरदर्द से नींद में बाधा आती है। व्यक्ति को अच्छी और पूरी नींद नहीं मिल पाती, जिससे उनकी थकान बढ़ जाती है और शरीर की ऊर्जा कम हो जाती है।
- माइग्रेन: क्रोनिक सिरदर्द कई बार माइग्रेन का रूप ले लेता है। माइग्रेन में सिर के एक हिस्से में तेज दर्द होता है, जो अक्सर मितली, उल्टी, और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता के साथ होता है।
- फोकस और मेमोरी समस्याएं: लगातार सिरदर्द से व्यक्ति की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और याददाश्त प्रभावित हो सकती है। इससे उनके काम और दैनिक गतिविधियों में कठिनाई हो सकती है।
- कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि क्रोनिक सिरदर्द से हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
डॉ नवीन तिवारी
परामर्श न्यूरोलॉजिस्ट।