लकवा या ब्रेनस्ट्रोक एक गंभीर बीमारी हैं और ये इससे प्रभावित लोगो और उनके परिवार पर इलाज और आर्थिक बोझ का दंश भी दे जाती हैँ. यह दो प्रकार का होता हैं, एक हेमरेजिक स्ट्रोक जिसमे दिमाग़ की नस फट जाती हैं और दूसरा इस्केमिक स्ट्रोक जिसमे मस्तिष्क की नस ब्लॉक हो जाती हैं!पहले इसे वृद्धावस्था की बीमारी माना जाता था, लेकिन अनियमित दिनचर्या, अस्मायित खान पान और तनाव के कारण अब यह युवा लोगों मे भी देखा जाने लगा हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत मे एक लाख मे 145 लोगों को ये बीमारी होती हैं! लकवे की शुरूआती पहचान एक्रोनिम ” FAST” से की जा सकती हैँ. अगर अचानक व्यक्ति के चेहरा (F-face)डेढ़ा होने लगे, एक तरफ का हाँथ (A-arm) कमजोर होने लगे, जुबान(T-tongue) लड़खड़ाने लगे, तो ये लकवे के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैँ और ऐसे व्यक्ति को तुरंत(T-time) अस्पताल ले जाना चाहिए क्यूंकि अगर ये “इस्केमिक स्ट्रोक ” हैं तो लक्षण दिखने के शुरुआती साढ़े चार घंटे में इलाज शुरू हो जाए तो बड़े नुकसान से बचा जा सकता है।
जितनी जल्दी क्लॉट खत्म करने की दवा दे दी जाएगी(थ्रोम्बोल्य्सिस ) उतना ही बेहतर परिणाम मिलेगा.थ्रंबोलाइसिस इंजेक्शन आटरी में थक्के को घोल देता है, और मस्तिष्क की धमनी में रक्त प्रभाव पुन: सामान्य हो जाता है व लकवा ग्रस्त मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाता है. थ्रंबोलाइसिस चिकित्सा के उपयोग व जागरूकता पर जोर देने की जरूरत है। विंडो पीरियड का महत्व, थ्रंबोलाइसिस चिकित्सा का लाभ, स्ट्रोक के लक्षण के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
कुछ चीजों पर नियंत्रण करके आप भी स्ट्रोक से बच सकते हैं। इनमें डायबीटीज, बढ़ता हुआ कोलेस्ट्रॉल, हाइपर टेंशन और मोटापा आदि शामिल हैं!
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hlo sir.my left hand not working by paralysis since2015.plz tell me any solution.thanks.