पार्किंसंस रोग एक ऐसा विकार है जो मनुष्य के उस हिस्से को प्रभावित करता है जिसका काम हमारे शरीर के अंगो को संचालित करना है। इसके लक्षण इतने काम होते है की शुरुआती दौर में इसकी पहचान करना मुश्किल है। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है आपके हाथ पैरों में कमज़ोरी महसूस होने लगती है और इसका असर आपके दैनिक कार्यों में पड़ने लगता है। यह धीरे धीरे विकसित होता है। यह रोग कभी-कभी केवल एक हाथ में कम्पन के साथ शुरू होता है। इसमें आपकी आवाज़ धीमे या अस्पष्ट हो जाती है। चलते फिरते समय आपकी बाजुएं हिलना बंद कर देती है।
पार्किंसंस एक लाइलाज बीमारी है। परन्तु इसके लक्षण को सुधारने या काम करने के लिए बहुत सारी थेरेपी उपलब्ध है। इन थेरेपी को मस्तिष्क में डोपामाइन का प्रभाव लम्बे समय तक अपने ब्रेकडाउन को रोककर मस्तिष्क में इसकी मात्रा बढ़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पार्किंसन के लिए सबसे अच्छा उपचार लेवोडापा है, जिससे मस्तिष्क में डोपामाइन में परिवर्तित किआ जाता है। हालांकि, लेवोडापा के साथ बहुत लम्बे इलाज के कारण इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते है।
सही समय पर विशेषज्ञ से उपचार कराने पर इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आपको पार्किंसन रोग के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करनी है, या फिर इस रोग का निदान करना है तो तत्काल एशियन न्यूरो सेंटर में संपर्क करें।
डायरेक्टर & कंसल्टिंग न्यूरोलोजिस्ट
एशियन न्यूरो सेंटर