रीढ़ की हड्डी में परेशानी वास्तव में समस्याओं का एक प्रमुख कारण बन जाती है। इन हड्डियों की बनावट जितनी पेचीदा है उससे ज्यादा इसके शारीरिक महत्व भी होते हैं। रीढ़ की हड्डी के जोड़ स्पाइनल में बहुत सुरक्षित रहते हैं। रीड की हददियो का सीधा संबंध दिमाग से होता है। मस्तिष्क को सूचना देने व लेने के लिए रीढ़ की हड्डियों का प्रयोग किया जाता है। आम तौर पर इस तरह के दर्द के बहुत से कारण होते हैं, पर रीड की हड्डी की समस्या ट्यूमर का कारण भी बन सकता है।
रीढ़ की हड्डियों की समस्याएं | Spinal Cord Problems
रीढ़ की हड्डियों की सामान्य और ज़्यादा लोगों को प्रभावित करने वाली बिमारियों में से कुछ इस प्रकार है:
- स्पाइनल स्टेनोसिस: यह आपकी रीढ़ के भीतर के अंतर की एक सिकुड़न है जो इसके माध्यम से चलने वाली नसों पर दबाव पैदा कर सकती है। स्पाइनल स्टेनोसिस पीठ के निचले हिस्से और गर्दन में होता है।
- स्लिप्पड डिस्क: आपके हर एक रीढ़ की हड्डियों के बीच एक डिस्क होती है जो उन्हें एक दूसरे के खिलाफ रगड़ने से रोकती है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, डिस्क सूखने लगती हैं। यदि आप अपनी पीठ पर बहुत अधिक दबाव डालते हैं तो डिस्क फट सकती है।
- साइटिका: कमर के नसों में से अगर किसी एक में भी सूजन आ जाए तो पूरे पैर में असहनीय दर्द होने लगता है, जिसे साइटिका कहा जाता है।
रीढ़ की हड्डी की समस्याओं के लक्षण क्या हैं? | What are the Symptoms of Spinal Problems?
- गर्दन, पीठ और कमर में दर्द और अकड़न की सम्भावना रहती ही है।
- झुक के पढ़ने या लिखने, खाने, और चलने में तकलीफ महसूस करना।
- रीढ़ की हड्डी में भीषण दर्द होना भी एक लक्षण है।
- सिर की दिशा जो प्राकृतिक नहीं है।
- हाथ या पैर को हिलाने में असमर्थता।
- बार बार चक्कर या उलटी आना।
- सिर में दर्द होना
- पीठ या गर्दन की परेशानी, दबाव, या जकड़न होना
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डॉ नवीन तिवारी
डायरेक्टर & कंसल्टिंग न्यूरोलोजिस्ट
एशियन न्यूरो सेंटर