लकवा कितने प्रकार का होता है? | Types of Paralysis

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लकवा कितने प्रकार का होता है? | Types of Paralysis

लकवा एक ऐसी स्थिति है जहां मांसपेशियां अस्थायी रूप से या स्थायी रूप से कार्य करने में विफल हो जाती हैं। लकवा जीवन में किसी भी समय और शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। जिस व्यक्ति को लकवा होता है, वह शरीर के उस हिस्से में पूरी तरह से संवेदना खो देता है।

लकवा आमतौर पर तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी दुर्घटना में या किसी बीमारी के कारण अपने मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से भी जो जाता है कुछ अन्य चीजें जो पक्षाघात का कारण बन सकती हैं, वे हैं स्ट्रोक, परिधीय न्यूरोपैथी या मल्टीपल स्केलेरोसिस।

लकवा के प्रकार | Types of Paralysis 

लकवा के प्रकार | Types of Paralysis 

लकवा के कई प्रकार हो सकते है, परन्तु लकवा के 4 प्रमुख प्रकार होते है, इन के प्रकार है:

  1. मोनोप्लेजिया: इसमें शरीर का सिर्फ एक अंग लकवा से पीड़ित होता है। मोनोप्लेजिया से ग्रस्त लोग आमतौर पर अपने शरीर के बाकि हिस्सों पर नियंत्रण बनाए रखते हैं, लेकिन प्रभावित अंग में हलचल और सनसनी महसूस नहीं कर सकते। मोनोप्लेजिया कुछ कारणों के द्वारा हो सकती है जैसे की स्ट्रोक्स, ट्यूमर, मोटर न्यूरॉन क्षति , दिमाग की चोटें।
  2. हेमिप्लेजिया: यह शरीर के सिर्फ एक हिस्से को प्रभित करता है। अधिक्तर, हेमिप्लेजिया एक स्ट्रोक के होता है। यह अक्सर चींटी काटने और सुइयों के चुभने जैसी सनसनी के साथ शुरू होता है। इसका सबसे आम कारण सेरेब्रल पाल्सी है। हालांकि, अन्य स्थितियां, जैसे रीढ़ की हड्डी की चोट, दिमाग की चोट भी इसका कारण बन सकती है।
  3. पैराप्लेजिया: इसमें दोनों पैर और कभी कभी श्रोणि और शरीर के निचले हिस्सों में लकवा मरता है। ऐसा मना जाता है की कमर के निचे लकवाग्रस्त होने से व्यक्ति चल नहीं सकता है। पैराप्लेजिया कुछ कारणों से होता है जैसे की रीढ़ की हड्डी में घाव, मस्तिष्क में ट्यूमर, स्ट्रोक।
  4. क्वाड्रिप्लेगिअ (टेट्राप्लेजिया): इसमें गर्दन के निचे का हिस्सा प्रभावित होता है। इसमें व्यक्ति के सभी चार अंग प्रभावित होते है। इसके कुछ मुख्य कारण है स्ट्रोक, स्पाइनल और ब्रेन ट्यूमर, रीढ़ की हड्डी में संक्रमण, दवाओं के प्रति एलर्जी, घुटन आदि।

ज़रूरी नहीं है कि लकवा का प्रभाव शरीर के किसी एक अंग पर ही पड़े, जैसे कि हेमिप्लेजिया जोकि एक प्रकार का लकवा है जिससे शरीर का एक तरफ का हिस्सा प्रभावित होता है, दूसरा उदाहरण पैराप्लेजिया है जोकि अपना प्रभाव दोनों पैर और कभी कभी श्रोणि और शरीर के निचले हिस्सों में छोड़ता है। इन सबसे यह पता लगता है कि लकवा कितनी गंभीर व् खतरनाक बीमारी है, इसलिए लकवा का सही प्रकार और उससे सम्बंधित इलाज का पता होना बेहद ही महत्वपूर्ण है। अगर आप लकवा के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करने में रूचि रखते है तो एशियन न्यूरो सेंटर से संपर्क करें।

डॉ नवीन तिवारी

परामर्श न्यूरोलॉजिस्ट।

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