क्या रीढ़ की हड्डी एक मस्तिष्क संबंधी विकार हैं? – डॉ. नवीन तिवारी – एशियन न्यूरो सेंटर

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क्या रीढ़ की हड्डी एक मस्तिष्क संबंधी विकार हैं? – डॉ. नवीन तिवारी – एशियन न्यूरो सेंटर

क्या आपकों अपने रीढ़ की हड्डी और दिमाग के संबंध के बारे में पता हैं। क्या आपकों पता है कि जब आपके रीढ़ की हड्डियों में किसी तरह का नुकसान होता है तो उसका असर ना सिर्फ़ आपके रीढ़ की हड्डियों में पड़ता है बल्कि उसका असर आपके दिमाग पर भी पड़ता है। अगर आपकों नहीं पता तो आपको इस बात के उपर ध्यान देना चाहिए और जानिए की आखिर दिमाग और रीढ़ की हड्डी के बीच संबंध क्या होता है।

क्या रीढ़ की हड्डी एक मस्तिष्क संबंधी विकार हैं? -  डॉ. नवीन तिवारी - एशियन न्यूरो सेंटर

क्या रीढ़ की हड्डी एक मस्तिष्क संबंधी विकार हैं? | Is Spinal Cord a Neurological Disorder?

रीढ़ की हड्डी एवं मानव मस्तिष्क, दोनों मिलकर सेंट्रल नर्वस सिस्टम (CNS) का निर्माण करते हैं। रीढ़ की हड्डी शरीर की सारी होने वाले काम, सेंटिमेंट (संवेदना), भावों, विचारों एवम चेतना यानी होश का समन्वय करती है। आपकी रीढ़ की हड्डी आपके दिमाग के पीछे से होते हुए आपके पैर तक फैली होती है।

रीढ़ की हड्डी की बहुत सारी कोशिकाओं के द्वारा ही आपके दिमाग तक बहुत सारे विचारों का आदान प्रदान होता है।

मानव मस्तिष्क की तरह ही रीढ़ की हड्डी में भी तीन भाग होते हैं। इसे पर्दे हम छोटे छोट पतले पर्दे के रूप में देख पाते हैं। मतलब बहुत कुछ एक समान होता है रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क में। आप देखते होंगे कि कुछ लोगों को रीढ़ की हड्डी में चोट लग जाता है या फिर उनके पैर के तलवे में चोट लग जाता है और वो अच्छे से बोल नहीं पाते , बोलना कुछ चाहते है और मुंह से आवाज कुछ और ही निकल जाता है।

ऐसे में उनका दिमाक खराब हो जाता है ऐसे लोगों का मस्तिष्क सही से काम नहीं करता है। अब आप देखेंगे कि उनके मस्तिष्क में तो चोट लगा नहीं होता है फिर भी आखिर उनका दिमाक क्यों ठीक से काम नही करता। दिमाक उनका ठीक से इसलिए काम नहीं करता क्योंकी उनके स्पाइन में ऐसे जगह चोट लग जाता है जो मस्तिष्क का सूचक ( सूचना देने वाला) होता है यानि मस्तिष्क को सूचना देने वाली कोशिका डेड हो जाती है।

इसीलिए डॉक्टरों द्वारा अपने दिमाग को सही से संचालित करने के लिए और रीढ़ की हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए सुबह सुबह पैदल चलने की सलाह दी जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण ये होता है की रीढ़ की हड्डी का संबंध पैर के तलवे से ऊपर मस्तिष्क तक होता है। और जब हम पैदल चलते है तो उसका सीधा प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है। एक घटना सब कहीं ना कहीं जरुर देखें होंगे कि अक्सर कोई व्यक्ति जब बेहोश हो जाता है तो मालिश उसके सर के बजाय उसके पैर के तलवे में किया जाता है। तलवे में मालिश इसलिए किया जाता है क्योंकि पैर से रीढ़ की हड्डी के द्वारा मस्तिष्क को चेतना में लाने के लिए सूचित किया जाता है। और बेहोश हालत में पड़ा व्यक्ति कुछ ही समय बाद अपने चेतना आ जाता हैं।

इसलिए रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क का आपस में जितना हो संबंध उतना ही विकार भी है।

डॉ नवीन तिवारी

डायरेक्टर & कंसल्टिंग न्यूरोलोजिस्ट
एशियन न्यूरो सेंटर

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