अटैक्सिया को गतिबंध के नाम से भी जाना जाता है जो न्यूरोलॉजिकल रोगों है जो शरीर की गतिविधियों को प्रभावित करता है। अटैक्सिया से पीड़ित लोगों को अक्सर संतुलन, निगलने और बोलने में परेशानी होती है।
अटैक्सिया आमतौर पर मस्तिष्क के एक हिस्से को नुकसान पहुँचता है जो गतिविधियों (सेरिबैलम) का समन्वय (हार्मोनी) करता है। मोटर कंट्रोल न होने के कारण आदमी अपने वश में नहीं रहता है और चाहते हुए भी रोज़ के आसान काम नहीं कर पाता है। आर्थोपेडिक चोटों के कारण भी अटैक्सिया गठिया की समस्या हो सकती है।
नर्वस सिस्टम में असामान्यता के कारण अटैक्सिया की समस्या हो जाती है। इस बीमारी में नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। सेरिबैलम की शिथिलता के कारण रोगियों को चलने और किसी भी चीज के साथ कॉर्डिनेट करने में समस्या होती है।
अटैक्सिआ तब विकसित होता है जब सेरिबैलम को नुकसान होता है। इन सभी में सबसे गंभीर है अक्वायर्ड अटैक्सिआ जिसमें निम्नलिखित स्थितियां या कारण हो सकते हैं: –
डायरेक्टर & कंसल्टिंग न्यूरोलोजिस्ट
एशियन न्यूरो सेंटर