न्यूरोलॉजिकल रोगो के समूह को अटैक्सिआ शब्द के द्वारा जाना जाता है। जो लोग इस बीमरी से पीड़ित होते हैं उन लोगो को चलने फिरने, संतुलन बनाये रखने में कठिनाई महसूस होती है।
अटैक्सिआ मुख्या रूप से दिमाग के एक हिस्स्से पर अपना प्रभाव छोड़ता है। मस्तिष्क के एक हिस्से पर प्रभाव पड़ने से मरीज़ का अपना मोटर नर्वस पे काबू छूटने लगता है जिसकी वजह से उसे रोजमर्रा के काम करने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
यह बीमारी मुख्या रूप से वायरको में पायी जाती है और इसकी सही जानकारी होना बेहद ही आवश्यक है।
वयस्कों में अटैक्सिआ के लक्षण | Symptoms of Ataxia in Adults
वयस्कों में अटैक्सिआ के प्रमुख लक्षण कुछ इस प्रकार है जिनकी जानकारी होना अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है:
- खराब संगठन- यह अब तक के सबसे ज़यादा रूप से देखे गए लक्षणों में से एक है। इसमें मरीज़ को संतुलन बनके चलने में कठिनाई होती है। ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि यह बीमारी मस्तिष्क के एक हिस्से पर प्रभाव डालती है जो की सेरिबैलम होता है। असंतुलन अटैक्सिआ का एक प्रबल लक्षण है।
- बोली में परिवर्तन होना- आम तौर पर ये होना बहुत ही मामूली बात है परन्तु अगर मरीज़ की बोली काफी हद तक परिवर्तित हो जाये तो इसका अटैक्सिआ से गहरा सम्बन्ध हो सकता है।
- निगलने में तकलीफ होना- यदि कोई व्यक्ति अटैक्सिआ का रोगी हो तो यह काफी हद तक संभव है की उसे खाना या कोई भी चीज निगलने में दिक्कत हो सकती है। यह भी संभव है की वह व्यक्ति कुछ भी ना निगल पा रहा हो। इसे भी अटैक्सिआ का एक लक्षण मान सकते है।
- आम काम करने में कठिनाई- अटैक्सिआ रोगी को रोज़ मर्रा के काम करने में कठिनाई होने की सैमभावना बोहोत अधिक होती है। जिसका प्रमुख कारण ये है की अटैक्सिआ सीधा मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली बीमारियों में से एक है और आम तौर पर मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली हर बीमारी का एक सामान लक्षण रोज़ मर्रा के काम ना करना होता है।
डॉ नवीन तिवारी
डायरेक्टर & कंसल्टिंग न्यूरोलोजिस्ट
एशियन न्यूरो सेंटर