माइग्रेन एक ऐसी स्थिति है जिसे अक्सर केवल “तेज सिरदर्द” समझ लिया जाता है। हालांकि, यह इससे कहीं अधिक है। माइग्रेन के दौरे इतने तीव्र और दुर्बल करने वाले हो सकते हैं कि वे किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित करते हैं।
लेकिन क्या माइग्रेन वास्तव में जानलेवा हो सकता है? यह एक ऐसा सवाल है जो अक्सर पीड़ित लोगों के मन में आता है।
माइग्रेन एक जटिल न्यूरोलॉजिकल (स्नायविक) स्थिति है, जो सिर्फ एक गंभीर सिरदर्द नहीं है। इसके मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
माइग्रेन के दौरे कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकते हैं और व्यक्ति को सामान्य काम करने से रोक सकते हैं।

सामान्य तौर पर, माइग्रेन जानलेवा नहीं होता है। माइग्रेन के दौरे से सीधे मृत्यु होने की संभावना लगभग न के बराबर होती है। यह एक दर्दनाक, दुर्बल करने वाली और पुरानी स्थिति है, लेकिन यह घातक नहीं है।
हालांकि, कुछ दुर्लभ स्थितियां हैं जहाँ माइग्रेन अप्रत्यक्ष रूप से गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है:
माइग्रेन एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल विकार है जो अत्यधिक पीड़ा दे सकता है और जीवन को बाधित कर सकता है, लेकिन इसे सीधे तौर पर जानलेवा नहीं माना जाता है। यदि आपको माइग्रेन है, तो चिंता करने के बजाय एक न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
सही निदान और उपचार योजना के साथ, माइग्रेन को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है, जिससे गंभीर जटिलताओं का खतरा कम हो जाता है।
यदि आप अपने माइग्रेन के पैटर्न में अचानक कोई बदलाव या स्ट्रोक जैसे लक्षण (जैसे बोलने में कठिनाई, एक तरफ कमजोरी) देखते हैं, तो तत्काल चिकित्सा सहायता लेना आवश्यक है।
डॉ नवीन तिवारी
परामर्श न्यूरोलॉजिस्ट।