मिर्गी रोग एक बेहद सामान्य बीमारी है | इसे हम न संक्रामक कह सकते हैं और न ही मानसिक बीमारी है | इसका कारण हमारे तंत्रिका तंत्र के ऊपर निर्भर करते हैं | कई बार मस्तिस्क में होने वाली चोट के कारण भी सीके होने कि सम्भावना होती है और कही ये जेनेटिक्स कि वजह से भी हो सकती है |
मिर्गी एक तंत्रिका तंत्र में पाए जाने वाले विकार कि वजह से होती है | हमारे मस्तिस्क के तंत्रिका तंतु कभी कभी बाधित हो जाते अहिं जिससे हमें झटके, दौरे या फिर बेहोशी आने लगती है |
मिर्गी किसी को भी हो सकती है लेकिन सबसे ज्यादा बच्चों, अधेड़ उम्र में पाई जाती है | मिर्गी सामान्य तौर पर पाई जाने वाली बीमारी है और इसका प्रभाव किसी भी व्यक्ति के जीवन में बहुत से बदलाव लेकर आता है |
इसमें कई प्रकार के लक्षणों को पाया जाता है जैसे कि मनुष्य को जोर से जहतके लगने लगते है | शारीर में सिकुडन आने लगती है और दौरे पड़ने लगते हैं | मनुष्य को पसीना भी आता है | बोलने और चलने कि क्षमता कमज़ोर हो जाती है |
आंशिक दौरा – इसमें दौरा अधिक तेज़ नहीं होता और ये मस्तिस्क के कुछ हिस्सों में आता है | जबकि कभी कभी उसे बेहोशी के बाद कुछ यद् नहीं रहता | अधिकतर लोग इसमें होश में रहते हैं |
सामान्य दौरा – इसमें मस्तिस्क के दोनों हिस्सों में दौरा आता है तथा जब दौरा बढ़ जाता है तो मरीज़ कि चेतना भी चली जाती है |
माध्यम समय दौरा – यह दौरा धीरे शुरू होता है लेकिन धीरे धीरे बढ़ता जाता है और मरीज़ बेहोश हो जाता है | ऐसे दौरों में मुख्यत मरीज़ कि जान जाने का खतरा बहुत कम होता है |
एशियन न्यूरो सेंटर जहां बेल्स पाल्सी (चेहरे का पक्षाघात) के उपचार में कुशल सर्वश्रेष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट स्थिति का आकलन करते हैं, गुणवत्ता देखभाल सुनिश्चित करने और आपके तंत्रिका संबंधी विकार बेल्स पाल्सी की सफल वसूली सुनिश्चित करने के लिए दवाएं देते हैं।
परामर्श न्यूरोलॉजिस्ट।